रविवार, 18 जनवरी 2009

"एक शाम "



एक शाम ऐसा भी आया ,नीला अम्बर धरती पर छाया,

दूर आती रोशनी ने पूछा ? चाँद क्या अब भी ,ना घर आया ?


7 टिप्‍पणियां:

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

अंतरजाल पर आपका हार्दिक स्वागत है!
सर्जन की शुरूआत अच्छी है!
आशा है -
भविष्य में अधिक अच्छा लिखेंगी!

MAYUR ने कहा…

bahut chote main bahut kuch bayan kar diya ,aapke chitthe ke sath aapki tasvir bhi khoobsoorat hai

dr amit jain ने कहा…

स्वागत है आप का , इसी परकार लेखन करते रहे

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

ज्योत्स्ना पाण्डेय ने कहा…

ब्लॉग जगत में हार्दिक स्वागत है ....
लेखन के लिए शुभकामनाएं ...........

अभिषेक मिश्र ने कहा…

Choti magar gahri kavita, Swagat.

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

jandar or shandar foto aapki kalpnashakti darshata hai, narayan narayan